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एशेज़ की कहानी: एक व्यंग्य से शुरू हुई ऐतिहासिक श्रृंखला

एशेज़ की कहानी

एशेज़ की कहानी,एशेज़ ट्रॉफी: क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित प्रतिद्वंद्विता का प्रतीक
1882 में, इंग्लैंड के द ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार इंग्लैंड को उसकी ही धरती पर हराया। इस हार के बाद ‘द स्पोर्टिंग टाइम्स’ अखबार में एक व्यंग्यात्मक शोक-संदेश प्रकाशित हुआ, जिसमें लिखा था:
“अंग्रेजी क्रिकेट की मृत्यु हो गई है, और उसकी राख ऑस्ट्रेलिया भेजी जाएगी।”
इस व्यंग्यात्मक लेख ने ‘एशेज’ नाम की नींव रखी। बाद में, इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लाइ को एक छोटा सा कलश (अर्न) भेंट किया गया, जिसमें कहा जाता है कि क्रिकेट बेल की राख रखी गई थी। यह कलश आज भी लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड के एमसीसी संग्रहालय में संरक्षित है।
हालांकि मूल अर्न प्रतीकात्मक है, लेकिन 1998–99 से विजेता टीम को वाटरफोर्ड क्रिस्टल से बनी एक आधिकारिक ट्रॉफी प्रदान की जाती है। एशेज श्रृंखला आमतौर पर पांच टेस्ट मैचों की होती है, जो हर दो साल में बारी-बारी से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में आयोजित की जाती है।
एशेज न केवल क्रिकेट की एक श्रृंखला है, बल्कि यह इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरी प्रतिस्पर्धा और इतिहास का प्रतीक है। इसकी विरासत खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

एशेज़ ट्रॉफी क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक द्विपक्षीय श्रृंखला है, जो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाती है। इस श्रृंखला का इतिहास 140 वर्षों से अधिक पुराना है और यह खेल की सबसे प्रसिद्ध प्रतिद्वंद्विता में से एक मानी जाती है।


🏆 एशेज़ की कहानी शुरुआत

एशेज की शुरुआत 1882 में हुई जब ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार इंग्लैंड को उसकी ही धरती पर, द ओवल मैदान में, हराया। इस हार के बाद, लंदन के ‘द स्पोर्टिंग टाइम्स’ अखबार में एक व्यंग्यात्मक शोक-संदेश प्रकाशित हुआ, जिसमें लिखा था कि “अंग्रेजी क्रिकेट की मृत्यु हो गई है, और उसकी राख ऑस्ट्रेलिया भेजी जाएगी।” इस घटना ने ‘एशेज’ नाम की नींव रखी।

बाद में, इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लाइ को एक छोटा सा कलश (अर्न) भेंट किया गया, जिसमें कहा जाता है कि क्रिकेट बेल की राख रखी गई थी। यह कलश आज भी लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड के एमसीसी संग्रहालय में संरक्षित है।


📜 एशेज़ का इतिहास

  • प्रथम टेस्ट मैच: इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच 1877 में मेलबर्न में खेला गया था, लेकिन एशेज की शुरुआत 1882 से मानी जाती है।
  • श्रृंखला प्रारूप: एशेज श्रृंखला आमतौर पर पांच टेस्ट मैचों की होती है, जो हर दो साल में बारी-बारी से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में आयोजित की जाती है।
  • ट्रॉफी: हालांकि मूल अर्न प्रतीकात्मक है, लेकिन 1998–99 से विजेता टीम को वाटरफोर्ड क्रिस्टल से बनी एक आधिकारिक ट्रॉफी प्रदान की जाती है।

🏅 टीम उपलब्धियाँ

2023 श्रृंखला तक:

  • ऑस्ट्रेलिया: 34 श्रृंखला जीत।
  • इंग्लैंड: 32 श्रृंखला जीत।
  • ड्रॉ श्रृंखला: 7, जिनमें से 6 में ऑस्ट्रेलिया ने एशेज बरकरार रखी।

ऑस्ट्रेलिया ने 1989 से 2003 तक लगातार 8 श्रृंखलाएं जीतीं, जबकि इंग्लैंड ने 2005 में 2–1 से जीतकर एशेज वापस हासिल की।


🌟 उल्लेखनीय श्रृंखलाएं और क्षण

  • 2005 (इंग्लैंड): 18 वर्षों बाद इंग्लैंड ने एशेज जीती, जिसमें एंड्रयू फ्लिंटॉफ और केविन पीटरसन की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
  • 2006–07 (ऑस्ट्रेलिया): ऑस्ट्रेलिया ने 5–0 से श्रृंखला जीतकर शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे दिग्गजों को विदाई दी।
  • 2019 (इंग्लैंड): स्टीव स्मिथ ने 774 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को एशेज बरकरार रखने में मदद की; श्रृंखला 2–2 से ड्रॉ रही।
  • 2023 (इंग्लैंड): श्रृंखला 2–2 से ड्रॉ रही, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने एशेज बरकरार रखी।

🏅 व्यक्तिगत सम्मान

कॉम्पटन–मिलर मेडल, जो 2005 में शुरू हुई, श्रृंखला के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को प्रदान की जाती है। यह इंग्लैंड के डेनिस कॉम्पटन और ऑस्ट्रेलिया के कीथ मिलर के नाम पर है। स्टीव स्मिथ ने यह मेडल दो बार जीता है।


👩‍🦰 महिला एशेज

महिला एशेज़ की शुरुआत 1934 में हुई थी। यह बहु-प्रारूप श्रृंखला है, जिसमें टेस्ट, वनडे और टी20 मैच शामिल होते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 10 श्रृंखलाएं जीती हैं, जबकि इंग्लैंड ने 6।


📅 हालिया घटनाक्रम

  • 2023 श्रृंखला: इंग्लैंड में 2–2 से ड्रॉ रही, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने एशेज बरकरार रखी।
  • आगामी श्रृंखला: अगली एशेज श्रृंखला 2025–26 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित की जाएगी।

एशेज़ न केवल क्रिकेट की एक श्रृंखला है, बल्कि यह इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरी प्रतिस्पर्धा और इतिहास का प्रतीक है। इसकी विरासत खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।


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