
FIDE महिला वर्ल्ड कप 2025 में भारत के लिए यह बटुमी, जॉर्जिया का दौर सच में ऐतिहासिक बन गया है। चारों भारतीय खिलाड़ी — कोनेरु हम्पी, डी. हरिका, आर. वैशाली, और युवा दिव्या देशमुख क्वार्टरफाइनल में प्रवेश करने में सफल रहे हैं, जो इस कॉम्पिटिशन में किसी देश के लिए पहली बार हुआ है। दिव्या ने विशेष रूप से चीन की विश्व नंबर 6 झू जिनर को 1.5–0.5 से हराकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब उनका अगला मुकाबला हरिका के साथ होगा। हम्पी ने एलेक्जेंड्रा कोस्टेनुयुक को रैपिड टाईब्रेक में मात दी। अब वो अपने अगले मुकाबले में चीन की यूशिन सॉन्ग से भिड़ेंगी। हरिका ने रूस की कतेरीना लागनो के खिलाफ 15+10 के रैपिड टाईब्रेक में हार के बाद कमबैक करते हुए जीत दर्ज की। मुकाबला 10+10 के टाइब्रेक में फंस गया जहां हरिका ने पहले गेम में काली मोहरों से ड्रॉ खेला फिर सफेद मोहरों से जीत हासिल की। अब वो अपना अगला मुकाबला दिव्य के साथ खेलेंगी। वैषाली ने ब्लिट्ज टाईब्रेक मुकाबले में कजाकिस्तान की मेरुएर्त कमालिदेनोवा को 4.5–3.5 पर हराया। उनका अगला मुकाबला चीन की तांग झोंगई से होगा।
इससे न सिर्फ चार भारतीयों ने शीर्ष-8 में जगह बनाई बल्कि क्वार्टरफाइनल में तीन भारतीयों के आगे बढ़ने की संभावनाओं से भारत का प्रतिनिधित्व अभी और मजबूत होने की संभावना है। FIDE CEO ने इस उपलब्धि को “Quite a feat” बताते हुए भारतीय महिलाओं के उभरते ग्लोबल प्रेजेंस की सराहना की। बटुमी में यह सफर युवा प्रतिभाओं और अनुभवी ग्रैंडमास्टर्स का सम्मिलित जज़्बा दर्शाता है, और चेस इतिहास में भारत की नई उपस्थिति को मजबूत करता है।
♟️ FIDE वर्ल्डकप: एक संक्षिप्त परिचय, आइए जानते है इसके बारे में
FIDE वर्ल्ड कप विश्व की प्रमुख शतरंज प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा संचालित किया जाता है। शुरुआती दो संस्करण (2000 & 2002) छोटे-ग्रुप राउंड-रॉबिन फॉर्मेट के थे, जिन्हें विजेताओं ने जीता: भारत के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने सीधे दोनों संस्करणों (शेनयांग 2000 & हैदराबाद 2002) में जीत हासिल की। 2005 से यह एक 128‑प्रतियोगियों का नॉक‑आउट टूर्नामेंट बन गया और यह वर्ल्ड चैम्पियनशिप साइकिल का हिस्सा बन गया। 2021 से इसमें खिलाड़ियों की संख्या 206 कर दी गई, जिसमें पहले राउंड में बायेस और बाद में नॉक‑आउट फॉर्मेट लागू होता है।
यह प्रतियोगिता केवल ट्रॉफी दौड़ नहीं; शीर्ष तीन फिनिशर्स को कैंडिडेट्स टूर्नामेंट (2026) में भाग लेने का मौका मिलता है, जो अगला वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर चुनेगा।
🏅 टूर्नामेंट का इतिहास और उपलब्धियां
- 2000 (शेनयांग, चीन) – पहला FIDE वर्ल्डकप था, जिसमें आनंद विजेता बने, एवगेनी बरीव रनर‑अप रहे।
- 2002 (हैदराबाद, भारत) – दूसरा संस्करण भारत में आयोजित हुआ, जिसमें आनंद ने फिर विजयी प्रदर्शन किया।
- 2005‑2019 – 128 प्रारूप अपनाया गया, FIDE Candidates साइकिल में शामिल किया गया।
- 2021‑अब तक – खिलाड़ीयों की संख्या 206 तक पहुँची है, पहला राउंड बाय से चलता है और बाकी नॉक‑आउट होता है।
🇮🇳 भारत का प्रभाव और योगदान
- विश्वनाथन आनंद: भारत के पहले ग्रैंडमास्टर और FIDE वर्ल्ड कप 2000 एवं 2002 के विजेता।
- आर प्रग्नानंधा: 2023 वर्ल्ड कप 2023 (बाकू) में फाइनल तक पहुँचने वाले आनंद के बाद दूसरे भारतीय बने; उन्होंने मैगनस कार्लसन से हारकर सिल्वर मेडल प्राप्त किया। वह दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड कप फाइनलिस्ट थे। इस प्रदर्शन से उन्हे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2024 में खेलने का टिकट मिला।
- गुकेश, विदित, अर्जुन एरिगैइस: 2023 के वर्ल्ड कप में चौथे दौर (क्वार्टरफाइनल) में पहुँचने वाले भारत के चार खिलाड़ियों में शामिल; यह पहली बार हुआ जब चार भारतीय एक ही वर्ल्ड कप में अंतिम आठ में पहुँचे।
- भारतीय महिला खिलाड़ियों की उपलब्धि: FIDE विमेन वर्ल्डकप 2025 (बटुमी) में चार भारतीय: कोनेरू हम्पी, डी हरिका, एच वैशाली, दिव्या देशमुख क्वार्टरफाइनल में पहुंचीं—यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
📰 हाल की समाचार और भारतीय स्कोप
- 2025 FIDE वर्ल्ड कप संभवत भारत में आयोजित — मूल रूप से न्यू दिल्ली चयनित था, लेकिन अब गोवा प्रमुख संभावित मेजबान माना जा रहा है।
- विमेन वर्ल्डकप 2025 (बटुमी) में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए चार खिलाड़ियों को क्वार्टरफाइनल तक पहुंचाया।
- अंडर-12 एज कैटेगरी में India ने 7 मेडलिस्ट प्राप्त किए, जिसमें तीन विश्व चैम्पियन बने—इससे युवा वर्ग में इंडियन डॉमिनेंस की झलक मिली।
- आर प्रग्नानंधा की सफलता पर आनंद और अन्य खिलाड़ियों ने भारतीय चेस को “happy time” बताया।।
🔮 भविष्य और भारत की संभावनाएँ
- 2025 में एक बार फिर FIDE वर्ल्ड कप भारत में हस्तक्षेप करेगा—इस साल भारत पहले से प्रतिस्पर्धा में शामिल होने वाला पहली बार विश्व कप की मेजबानी कर सकता है. इससे चेस के प्रति देशभर में उत्साह और आगे आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
- 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में टॉप तीन में फिनिश करने वाले खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जाएगा और भारत की कोशिश होगी कि Praggnanandhaa एवं Arjun दोनों हिस्सा बनें, संभवतः वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत बनाम भारत मुकाबला हो।
- विमेंस चेस में भारतीय शक्ति की मजबूत उपस्थिति, विशेषकर हम्पी, हरिका, वैशाली और दिव्या, भारत को महिला चेस में नई ऊँचाइयों पर ले जा रही है।
- अंडर‑12 यूपी में भारतीय चेस स्टार (प्रतीति बोरदोलोई, आदि) के रूप में युवा खिलाड़ी मजबूत है, जिससे भविष्य में और भारतीय चैंपियंस दिखाई दे सकते हैं।
🧩 FIDE वर्ल्ड कप, भारतीय चेस का उदय
FIDE वर्ल्ड कप ने सिर्फ चेस टूर्नामेंट होने का दर्जा ही नहीं पाया बल्कि यह वह दहलीज है जिसके माध्यम से विश्व चैम्पियनशिप चक्र को साधा जाता है। आनंद की विजयी परंपरा से प्रग्नानंधा तक, भारत की चेस यात्रा सामरिक, मानसिक सबलता पर आधारित रही है। हालिया उपलब्धियों ने दर्शाया कि भारत सिर्फ प्रतिभा का देश नहीं, बल्कि तैयारी, द्वंद्व और प्रतियोगी चेस माइंडसेट भी विकसित कर रहा है।
विमेंस वर्ल्डकप में भारतीय प्लेयर्स की पहुँच और सक्सेस साबित करती है कि चेस का भविष्य लिंग-समावेशी और मल्टी जनरेशनल हो चला है। यदि 2025 में इंडिया वर्ल्ड कप की मेजबानी करता है, तो यह चेस रिवाइवल का अस्थायी नहीं, बल्कि स्थायी सन्देश देगा।
भारत में चेस प्लेयर्स, एडमिनिस्टेटर और फैंस को FIDE वर्ल्ड कप के हर एडिशन में सक्रिय भागीदारी की दिशा में कदम उठाने चाहिए। युवा वर्ग, विशेषकर फीमेल और अंडर 12 चैंपियंस, विश्व मंच पर भारत की अगली पंक्ति बनने के लिए तैयार हैं।